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प्रकृति ने रोकी भगवानपुरा की शत प्रतिशत वोटिंग भगवान के हनुमान, कृष्णा व किस्मत के जज्बे को इलेक्शन आइकॉन ने किया सैल्यूट , जन जागृति का जीवंत उदाहरण बना गांव

बूंदी। जिले में 92.46 प्रतिशत वोटिंग कर अव्वल रहे जन जागृति का जीवंत उदाहरण बने गांव भगवानपुरा से जुड़े टीम कार्यकर्ताओं बीएलओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा का सोमवार को जिला इलेक्शन आइकॉन डॉ सर्वेश तिवारी ने वार्तालाप कर मनोबल बढ़ाया तथा उनके वोटिंग अनुभवों को साझा किया, मतदान दिवस को अपनी गई सराहनीय कार्य योजना व समर्पण के जज्बे को आइकॉन ने सेल्यूट किया। तिवारी ने मतदान दिवस हेला टोली के लीडर अनिल मेहता की माता के निधन पर संवेदना भी प्रेषित की। तिवारी ने बताया कि मतदान के दिन तीव्र गति से शत प्रतिशत वोटिंग के रिकॉर्ड कायम करने की ओर बढ़ रहे गांव में पहले तो आंधी बारिश ने आकर खेल रोक दिया जब इसके बाद मतदान शुरू हुआ तो गांव में हाइटेंशन लाइन के तार टूटकर गिर जाने से टीम कार्यकर्ता की मां की मौत के सदमे व करंट के फैलने से डर से चार बजे बाद वोटिंग स्वतः रुक गई।
समर्पित शिक्षक व बूथ लेवल ऑफिसर हनुमान शरण ने मतदान बढ़ाने की योजना बनाई जिले भर में चले मतदाता जागरूकता अभियान से जुड़कर बच्चों से संकल्प पत्र, गाँव में रेलीयाँ निकाली, रंगोली तथा गाँव की महिलाओं मेहन्दी प्रतियोगिता करवायी। मतदाता सूची को साफ सुथरी एवं त्रुटि रहित किया। हनुमान ने इलेक्शन आइकॉन तिवारी को बताया कि गांव में मतदाता बाहर नहीं, रोजगार का साधन कृषि एवं खनन सम्बंधी कार्य कार्य है। अधिकतर मतदाताओं को नाम पता जानने वाले बीएलओ ने मतदाता सूचना पर्ची बाटते समय ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा को साथ लेकर घर घर प्रत्येक मतदाताओं से सम्पर्क किया और 100% मतदान के लिये प्रेरित किया। उनकी सक्रिय मतदान जागरूकता टीम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कृष्णा यादव तथा आशा किस्मत पुरी ने भाग संख्या-298 यानि भगवानपुर उर्फ चेनपुरिया में 544 मे से 503 वोट डलवाकर मतदान का 92.46 प्रतिशत करने में सफलता प्राप्त की, यहां के जागरूक वोटर्स ने विधानसभा में 97.04 प्रतिशत वोटिंग करके पहले भी जिले में पहला स्थान प्राप्त किया था।
अंतिम मतदान कर विदा हो गई मां सुगना, अनिल निभा न पाया बूथ पर आखिरी वोट का वादा फिर भी गांव रहा अव्वल
गांव में मतदान शत प्रतिशत करने हेतु नव‌युवको की दस सदस्यीय टोली बनायी गई जिसका मुखिया सामाजिक कार्यकर्ता अनिल मेहता को बनाया गया था। टीम में श्याम, लाभचंद मेहता, मनीष मेहता, अशोक, राजेश, रमेश चन्द, शिवराज, रोशन लाल, धर्मराज सदस्य थे। सभी जोश के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे कि अचानक आंधी और बारीश शुरू हो गयी। बारिश के बाद मतदान शुरु हुआ तो बिजली के तार तेज हवा से हिलते हुये पेड़ों से टकरा गये और हाईटेंशन लाइन का तार जमीन पर टूटकर गिर गया। जिससे हेला टोली के नेतृत्वकर्ता अनिल मेहता की माँ का निधन हो गया और गाँव में शोक की लहर दौड गयी। करंट फैलने व अचानक गांव में हुई असामयिक मौत से स्तब्ध लोग मतदान करने नहीं आए। टोली के अध्यक्ष अनिल ने संकल्प किया था कि सबके बाद सबसे आखिरी वोट डालूंगा लेकिन वे खुद इस दुर्घटना में मां को खोकर मतदान नहीं कर सका और शत प्रतिशत मतदान का संकल्प टूट गया।
भाई के निधन के बाद भी आंसू रोककर ड्यूटी निभाई कृष्णा ने
मतदान दिवस से महज 4 दिन पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कृष्णा के लाडले भाई की इंदौर में मृत्यु हो गई बावजूद उसने ड्यूटी नहीं छोड़ी क्योंकि गांव में इस बार फर्ज था वोटिंग पूरी करवानी थी। राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाकर अब कृष्णा अपने परिवार के दायित्व को निभा रही है।

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